केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में आयोजित जनजागरण रैली को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों पर जमकर प्रहार किया है। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर यह स्पष्ट कह दिया है किसी भी हाल में सीएए को वापस नहीं लिया जाएगा, जिसे जितना विरोध करना है वह कर सकता है। लखनऊ के रामकथा पार्क में आयोजित इस रैली में शाह ने विपक्ष को चुनौती दी है कि वे सीएए में किसी की नागरिकता लेने की बात को ढूंढ कर दिखाएं। उन्होंने कहा कि केवल वोटबैंक की राजनीति के लिए विपक्षी दल जनता को गुमराह कर रहे हैं।
सीएए को लेकर दुष्प्रचार के कारण हुए दंगे
अमित शाह ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘ये पार्टियां सीएए को लेकर जनता में भ्रम फैला रही हैं, इसीलिए बीजेपी की ओर से जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। यह उन लोगों के खिलाफ जन जागृति का अभियान है जो देश को तोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी द्वारा लाए गए सीएए के खिलाफ कांग्रेस, ममता बनर्जी, अखिलेश, मायावती, केजरीवाल सभी भ्रम फैला रहे हैं। मैंने इस बिल को लोकसभा में पेश किया। सभी विपक्षियों से मैं इतना ही कहूंगा कि इस कानून पर सार्वजनिक रूप से चर्चा के लिए तैयार हूं। अगर इस कानून के जरिए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ली जा सकती है तो इसे साबित करके दिखाओ। इसे लेकर देशभर में जो दुष्प्रचार किया जा रहा है उसकी वजह से दंगे हो रहे हैं। सीएए नागरिकता देने का कानून है, नागरिकता लेने का नहीं।’
मोदी ने दिया नया जीवन शुरू करने का मौका
गृहमंत्री ने आगे कहा, “पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यकों को धर्म के आधार पर प्रताड़ित किया गया है। इसी प्रताड़ना के कारण वे भारत की शरण लेने पर मजबूर हुए हैं। कांग्रेस ने आजादी के नाम पर देश को टुकड़ों में बांट दिया। 16 जुलाई 1947 को कांग्रेस पार्टी द्वारा जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई उसके तहत धर्म के आधार पर देश विभाजित हो गया। लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने वर्षों से धर्म के आधार पर प्रताड़ित इन लोगों को जीवन का नया अध्याय शुरू करने का अवसर दिया है।
पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक कहां गए?
अमित शाह ने कहा, “वोटबैंक के लालची नेताओ से मैं यह कहना चाहता हूं कि वे इन शरणार्थियों के कैंप में जाए और उनसे मिलें। जो लोग कल तक सैकड़ों हेक्टेयर के मालिक थे आज वही लोग छोटी सी झोंपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा करने पर मजबूर हैं। वहीं, हमारे पड़ोसी पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में गैरमुस्लिमों की संख्या दिन पर दिन कम होती जा रही है। सीएए के विरोधी क्या बता सकते हैं कि वे अल्पसंख्यक कहां गए? इनकी या तो हत्या कर दी गई या फिर जबरन धर्म परिवर्तन कर दिया गया। मैं आज डंके की चोट पर कहना चाहता हूं कि सीएए को वापस नहीं लिया जाएगा, जिसे जो करना है कर सकता है।”
शरणार्थियों को नागरिकता देना भारत की जिम्मेदारी
शाह ने आगे कहा, “1947 में महात्मा गांधी जी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाला हर हिंदू या सिख भारत आ सकता है और यह भारत सरकार की जिम्मेदारी होगी कि उन्हें नागरिकता देने के साथ ही सम्मान के साथ जीवन जीने की सुविधाएं मुहैया कराई जाए। इसके अलावा नेहरू जी ने शरणार्थियों की सहायता के लिए केंद्रीय राहत कोष के इस्तेमाल का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए हर आवश्यक कार्य किया जाना चाहिए लेकिन कांग्रेस ने इस ओर कुछ नहीं किया।”